काली मिर्च के 3 अनूठे लाभ, जानकर हैरान रह जायेंगें आप

आज के इस आर्टिकल में हम आपको काली मिर्च के 3 फायदों के बारे में बता रहे हैं । कालीमिर्च जिसको अंग्रेजी में ब्लैक पेपर कहा जाता है, आयुर्वेदिक औषधि के रूप में और रसोई में एक मसाले के तौर पर किसी परिचय की मोहताज नही है । चलिये करते हैं जानकारी काली मिर्च से मिलने वाले 3 फायदों के बारे में ।
काली मिर्च के प्रयोग दाँत के कीड़े के लिए :-
दाँत में कीड़े लग जाने पर छोटी सी काली मिर्च के फायदे आप उठा सकते हैं । यदि घर में किसी के दाँत में कीड़े लग जाये तो काली मिर्च के एक चुटकी चूर्ण में सरसों के तेल की एक या दो बूँद मिलाकर उसको मंजन की तरह रगड़ कर कुछ देर के लिये छोड़ दीजिये और जो लार मुँह में बनती रहे उसको थूकते रहिये । 15 मिनट के बाद ताजे पानी से कुल्ले कर लीजिये । थूकने और कुल्ले के लिये वाशबेसिन का प्रयोग करें । प्रतिदिन इस प्रयोग को दो बार दोहराइये । लगातार प्रयोग से कुछ ही दिन में दाँत का कीड़ा पूरी तरह साफ हो जाता है और दाँत का आगे गलना रुक जाता है ।
काली मिर्च के प्रयोग तेज नजर के लिये :-
आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए काली मिर्च का यह प्रयोग बहुत ही विश्वसनीय और प्रभावी है । इसके लिए आपको एक मिश्रण तैयार करना पड़ेगा । इस मिश्रण को तैयार करने के लिए आपको जरूरत होगी 5 ग्राम काली मिर्च का पाउडर, 10 ग्राम बादाम की गिरी का ताजा बनाया गया चूरा, 20 ग्राम देशी खाण्ड अथवा मिश्री का चूरा, 20 ग्राम गाय का देशी घी । इन सब चीजों को एक साथ मिलाकर एक अवलेह जैसा बनाकर रख लीजिये । रोज दो बार, सुबह के समय और रात को सोते समय इसका सेवन करना चाहिये । बच्चों के लिए आधा ग्राम की मात्रा में और बड़ों के लिए एक ग्राम की मात्रा में सेवन करना उचित रहता है ।
काली मिर्च के प्रयोग बलगम निकालने के लिए :-
फेफड़ों में जमा बलगम को निकालने के लिए काली मिर्च को बहुत ही ज्यादा प्रभावकारी माना गया है । कफ का प्रकोप ज्यादा बढ़ जाने के कारण, सर्दी-गर्मी के असर के कारण, ज्यादा धुम्रपान के कारण फेफड़ों में बलगम जमने लगता है जो बहुत खाँसने के बाद भी नही निकलता है । ऐसी दशा में काली मिर्च के प्रयोग आपको बहुत लाभ देते हैं । काली मिर्च और छोटी पीपल को समान मात्रा में लेकर पीस लीजिये और बारीक चूर्ण कर रख लीजिये । एयर टाईट शीशी में रखने पर यह चूर्ण लम्बे समय तक खराब नही होता है । खाँसी का वेग उठने पर रोज दिन में दो बार अथवा अधिकतम तीन बार इस चूर्ण को एक ग्राम की मात्रा में शहद मिलाकर सेवन करना चाहिये और इसके बाद गुनगुना गर्म पानी पीना चाहिये । कुछ दिन के प्रयोग से ही बलगम की पूरी तरह सफाई हो जाती है । ध्यान रखें की बच्चों को आयु के हिसाब से न्यूनतम मात्रा में ही देना चाहिये । दोनों ही तत्व अत्यन्त ऊष्ण प्रकृति के होते हैं जिसके कारण बच्चों को सेवन करवाते समय मात्रा का विशेष ध्यान रखे जाने की जरूरत होती है ।
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